Nag Panchami 2024:- नाग पंचमी, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला पर्व है, जो नागों की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। 2024 में यह पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन का महत्व, पूजा विधि, और सावधानियों को जानना अत्यंत आवश्यक है।
Nag Panchami 2024 तिथि और पूजन मुहूर्त
नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:47 बजे से 8:27 बजे तक रहेगा, जो कुल 2 घंटे और 40 मिनट का समय है। तिथि की शुरुआत 8 अगस्त की रात 12:36 बजे से होगी और इसका समापन 10 अगस्त की रात 3:14 बजे पर होगा।
Nag Panchami 2024 शुभ योग
इस दिन दो विशेष योग बन रहे हैं। पहला, सिद्धि योग जो 8 अगस्त को दोपहर 12:39 बजे से 9 अगस्त को दोपहर 1:46 बजे तक रहेगा। दूसरा, रवि योग, जो 9 अगस्त को पूरे दिन प्रभावी रहेगा। इन योगों में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है और यह विशेष फलदायी होता है।
Nag Panchami 2024 पूजन विधि
नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान कर शिव जी का स्मरण और अभिषेक किया जाता है। इसके बाद नाग देवताओं के आठ रूपों (अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख) की पूजा की जाती है। घर के दरवाजे के दोनों तरफ गोबर से सांप बनाए जाते हैं और नाग देवता को अक्षत, दही, दूर्वा, गंध, कुशा, फूल, और मोदक अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दी जाती है और नागदेवता के मंत्रों का जाप किया जाता है।
Nag Panchami 2024 उपाय
नाग पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय भी किए जाते हैं। यदि किसी को कालसर्प दोष है, तो उसे इस दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए। साथ ही, राहु-केतु के आशीर्वाद के लिए “ऊं भ्रां श्रीं श्रीं सः राहवे नमः” और “ऊं स्त्रां स्त्री स्त्रों सः केतवे नमः” मंत्रों का जाप करना चाहिए।
Nag Panchami 2024 सावधानियां
इस दिन कुछ विशेष सावधानियों का पालन भी करना चाहिए। नागों की पूजा करने से पहले शिव जी की पूजा अवश्य करें। इसके अलावा, भूमि खोदने और साग काटने से भी इस दिन बचना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है।
Nag Panchami 2024 कथा
नाग पंचमी के साथ एक पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। राजा जनमेजय द्वारा सर्पसत्र यज्ञ के माध्यम से नागों का संहार करने का प्रयास किया गया था। ऋषि आंस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोका और नागों की रक्षा के लिए नागों पर कच्चा दूध चढ़ाने की प्रथा शुरू की।
निष्कर्ष
नाग पंचमी का पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो नागों और उनके प्रतीकों को सम्मान देते हैं। इस दिन पूजा करने से नागदेवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन से कालसर्प दोष सहित अन्य दोषों का निवारण होता है। सही विधि और सावधानियों का पालन कर, इस दिन को और भी अधिक फलदायी बनाया जा सकता है।